|| पहली हवाई यात्रा ||

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सुमा ऑफिस पहुँची ही थी कि माँ की कॉल आ गई ,बेटा घर आ जा मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है |

सुमा बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पद पर कर्यरत है |

सुमा का मन थोड़ा विचलित हो गया ये सुनकर कि माँ की तबियत ठीक नहीं है ,उसने सोचा अगर ट्रेन से जाती हूँ तो २ दिन लग जायेंगे विदिशा पहुँचने में क्यों न मै इसबार फ्लाइट से चली जाऊँ | उसे थोड़ा डर भी लगा कि अकेले कैसे जाऊँगी ? तभी उसे अभी का ध्यान आया जो उसकी बहुत अच्छी दोस्त है ,

उसे कॉल की और सारी बात बताई और ये भी कहा – “ डर लग रहा है ,कभी फ्लाइट से गई नहीं हूँ |”

अभी ने कहा :-अरे ! डरना कैसा ,सब कुछ तू अकेले ही यहाँ मैनेज करती है तो तू फ्लाइट से विदिशा क्यों नहीं जा सकती है?? तू जा मै हूँ ना ….

अब सुमा को थोड़ी हिम्मत मिली |

अभी ने कहा :-तू बेंगलुरु से नागपुर फ्लाइट से जा वहां से डायरेक्ट ट्रेन है सदन जो तुझे विदिशा पहुँचा देगी |

अब तो सुमा ने पक्का मन बना लिया कि वो फ्लाइट से ही जाएगी इससे उसका एक दिन बच जायेगा और घर जल्दी पहुँच जाएगी |

दूसरे ही दिन सुबह-सुबह वो अभी के घर जा पहुँची |अभी और अभी के छोटे भाई डिम्पी ने मिलकर सुमा की टिकट इंडिगो एयरलाइन्स में बुक कर दी |फ्लाइट  २५ मार्च २०१७ को सुबह ६:१० की थी ,PNR  स्टेटस “Q771H1”  ,FLIGHT “6E 509”

चूँकि फ्लाइट सुबह ६:१० की थी तो सुमा को हॉस्टल से ३ बजे रात को निकलना पड़ता ,सो ऑफिस में सबने उसको सलाह दी कि वो रात को ही एअरपोर्ट पहुँच जाये |सुमा को ये बात भी अच्छी लगी कि अकेले ३ बजे रात को निकलने से बेहतर है मैं रात को ही एअरपोर्ट पहुँच जाऊँ|

२४ मार्च को सुमा अपना सामान लेकर ऑफिस पहुँच गई ताकि वो ऑफिस से सीधे एअरपोर्ट जा सके |

ऑफिस के बाद वो एअरपोर्ट के लिए निकल पड़ी और रात ९ बजे ही एअरपोर्ट पहुँच गई और मन हि मन खुश हो रही थी ,खुद से बुदबुदा रही थी “अब तो मुझे  कोई नहीं रोक सकता फ्लाइट से जाने से |”

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Kempegowda International Airport, Bengaluru

फ़ूड-कोड में डोसा खाने के बाद एंट्री के लिए पहुँची तो टिकट चेक कर रहे  एग्जीक्यूटिव ने बोला मैडम आपकी फ्लाइट तो सुबह की है इतना जल्दी आप क्यों आ गई?

सुमा :- मुझे बहुत दूर से अकेले आना था ना इसलिए मै रात को ही आ गई |

एग्जीक्यूटिव :-Ok ! You can go.

अब तो सुमा को और भी अच्छा लग रहा था क्योंकि अब तो वो एअरपोर्ट के अंदर भी पहुँच चुकी थी |

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Suma Khan

फिर सुमा ने सोचा check-in भी कर ही लेती हूँ फिर फुरसत से एअरपोर्ट पर सबकुछ देखूंगी |

हर पड़ाव पर उससे एक हि प्रश्न पूछा गया –“इतना जल्दी क्यों ??”

सुमा का भी हर जगह जवाब एक ही था –“बहुत दूर से अकेले आना था इसलिए |”

check-in से फ्री होकर सुमा २ घंटे के लिए सो गई ,४ बजे सुबह उठी तो उसके मोबाइल में SMS आया कि Gate No.13 पर पहुँचे |सुमा ने ठण्डी साँस ली ,पानी पिया और Gate No.13 पर पहुँच गई और वहाँ खड़ी एयरहोस्टेस को अपना टिकट दिखाया |एयरहोस्टेस ने टिकट देखा और बोली –“Be seated Mam ,I’ll call you.”

सुमा निश्चिन्त हो गई और उस एयरहोस्टेस के सामने पड़ी सीट पर बैठ गई कि अब तो ये मुझे बुलाएंगी ही जब फ्लाइट में बैठना होगा ,मन हि मन सोच रही है अब कोई चिंता की बात नहीं है |

सुमा को घर से बार – बार कॉल आ रही थी सो उसने मन हि मन निश्चय किया की अब मोह-माया से दूर हो जा सुमा और मोबाइल साइलेंट करके पर्स में रख ले |और मोबाइल साइलेंट करके पर्स में रख लिया |

बैठे – बैठे उसको ५:४५ हो गया था ,एयरहोस्टेस ने बुलाया नहीं अभी तक ,

अपको बता दूँ बेंगलुरु एअरपोर्ट एक साइलेंट एअरपोर्ट है जहाँ Announcement  नहीं होता है | डिस्प्ले स्क्रीन पर नागपुर से इंदौर लिखा आ रहा था |उसी समय एक बुजुर्ग वहाँ आये और अपनी टिकट उस एयरहोस्टेस को दिखाई ,एयरहोस्टेस ने बोला उनको-“Sorry Sir! आपकी फ्लाइट जा चुकी है |”

सुमा ये सब देखकर मन हि मन सोचने लगी कैसा लगता होगा जिनकी फ्लाइट छूट जाती है, क्यों नहीं लोग समय से पहले आते है एअरपोर्ट पर |

मेरी तो फ्लाइट छूट ही नहीं सकती है ,मै तो रात से इंतजार कर रही हूँ ,सबसे पहले मैं आई हूँ ,उसी समय उसकी नजर घड़ी पर जाती है ,सुबह का ५:५५ बज रहा था ,उसे चिंता हुई और उसने सामने खड़ी उसी एयरहोस्टेस से पूछा कि मेरी फ्लाइट कब जाएगी ?

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एयरहोस्टेस ने टिकट देखा और बोली “Sorry Mam!!Your flight gone to departure.”

सुमा :- क्या ???

सुमा ने तो वहीँ रोना शुरू कर दिया ,उसके हाथ-पैर फूलने लगे ,ये कैसे हो गया मै तो यहीं बैठी थी ,वो तो एयरहोस्टेस से लड़ गई आपने मुझे क्यों नहीं बुलाया ??तुमने बोला था बुलाओगी …हजारों सवाल एक साथ दाग दिए सुमा ने …

एयरहोस्टेस :-Mam ,अपको कॉल किया गया है ,आप अपना मोबाइल चेक करिए |

सुमा को अब मोबाइल का ध्यान आया जो उसने साइलेंट करके पर्स में रख लिया था ,निकाला तो देखा उसमे ८ मिस कॉल्स पड़ी थीं इंडिगो की |

अब तो सुमा को काटो तो खून नहीं |

उस वक़्त ६ बज रहा था अभी भी १० मिनट बाकी थे सुमा ने रिक्वेस्ट करना शुरू किया ,उसने बताया मेरी माँ की तबियत ठीक नहीं ..प्लीज मुझे जाने दीजिये परन्तु वहाँ किसी ने भी उसकी न सुनी |जब ज्यादा रोने लगी तो उसको बोला आप Gate no.8  पर जाइये |

सुमा को लगा ये शायद मुझे Gate no.8  से भेज देंगे परन्तु जब वह वहाँ पहुँची तो देखा उसके बैग को Untagged  कर दिया गया है |

Non-Refundable टिकट था |उसने फिर रिक्वेस्ट की,अब उनलोगों ने सुमा को सुझाव दिया कि आधा घन्टे बाद एक फ्लाइट है जो आपको नागपुर पहुँचा देगी |

सुमा इतना ज्यादा परेशान थी कि उसने फ्लाइट डिटेल्स बिना जाने उस फ्लाइट को १२५०० रूपये में ले ली | टिकट लेने के बाद पता चला कि फ्लाइट डायरेक्ट नहीं है |

बेंगलुरु से दिल्ली ,फिर दिल्ली से नागपुर वो भी उसी पहले वाले PNR  स्टेटस पर |

सुमा का दिमाग अब काम नहीं कर रहा था वो बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में बैठ गई और खुद से बुदबुदाई “सुमा अब तू चुप चाप बैठी रह |”

सुमा का खिड़की वाली सीट पर बैठने का उत्साह ख़त्म हो गया था ,क्या सूर्योदय और क्या सूर्यास्त ..सब देखने का सपना धूल में मिल गया था |

बीच वाली सीट में सुमा बैठी थी और उसके दायें एक चंडीगढ़ का यात्री था तो दूसरी तरफ नागपुर जाने वाला यात्री बैठा था |

आधा घंटा बीता ही था कि सुमा को याद आया …मेरा बैग !!!!!

जिसको बेंगुलुरु में untagged  कर दिया गया था |दुबारा Check-in नहीं किया था क्योंकि पहले वाले PNR स्टेटस पर टिकट दिया था |

मेरा बैग !!! मेरा बैग !!!! मेरा बैग !!!

सुमा तो पगला गई थी |उसने अपने बगल वाले लड़के को जगाया जो की नागपुर जा रहा था |

सुमा :-आपसे कुछ पूछना है |

नागपुर यात्री :-हाँ पूछिए |

सुमा :-मेरे साथ एक दु:खद घटना घटी है और सुमा ने एक ही साँस में सारी बात बता डाली और बोली..

ये देखो मेरा बेंगलुरु से नागपुर का टिकट जो छूट गई!!!

ये देखो मेरा बेंगलुरु से दिल्ली का टिकट!!!

ये देखो मेरा दिल्ली से नागपुर का टिकट !!!

तुम्हे ट्रेन का टिकट भी देखना है ये देखो मेरा ट्रेन टिकट …

(वो हंसती मुस्कुराती रहने वाली लड़की इतना शायद ही कभी परेशान हुई होगी |)

अब बताओ मेरा बैग कहाँ मिलेगा ????कैसे उसको ट्रैक करें ???

दूसरा यात्री (मजाक करते हुए):-इनसे पूछो एयरहोस्टेस की तरफ इशारा करते हुए बोला ,ये मेकअप लेडीज तुम्हे बता पाएंगी ..हा..हा..हा..हा..

फिर कुछ सोच कर सुमा को सांत्वना देते हुए पूछा ,क्या तुमने दुबारा Check-in  नहीं किया था ?

अब तो सुमा के हाथ-पांव फूलने लगे वो चिल्लाने लगी फ्लाइट को वापस बेंगलुरु भेजो नहीं तो यहीं रोक दो…मै क्यों बैठी फ्लाइट में …रोते चिल्लाते ,

सुबह के ११ बजे फ्लाइट दिल्ली पहुँची …इस समय सुमा को नागपुर से विदिशा जाने वाली सदन ट्रेन में होना चाहिए था |

सुमा के पापा का फ़ोन आता है ..

पापा:- हाँ बेटा ! बैठ गई ट्रेन में ..कोई दिक्कत तो नहीं है ना ???

सुमा:- मै दिल्ली में हूँ पापा |

पापा:-अरे !! दिल्ली क्यों इस समय तो तुम्हे ट्रेन में होना चाहिए था |फ्लाइट नागपुर नहीं पहुँची क्या???सही–सही बताओ क्या हुआ है ???

सुमा:- अरे पापा !!! कुछ नहीं हुआ है ..फ्लाइट डिले हो जाने के कारण कैंसिल हो गई फिर मैंने दूसरी फ्लाइट पकड़ी है (सुमा अपने पापा को परेशान नहीं करना चाहती थी |)

पापा:- तो पैसे ज्यादा लगे हैं क्या ???

सुमा:- काहे को लगेंगे ज्यादा पैसे !!!!नहीं लगे है पापा|

पापा:-तो तुम दिल्ली पहुँच गई हो अब कैसे आओगी अब तो सदन भी छूट गई ???

सुमा:-फिकर मत करो पापा,मै सोच रही हूँ की ट्रेन से आ जाऊं या फिर नागपुर  ही चली जाऊं …आप बिल्कुल फिकर मत करो मै आपको कॉल करके बताऊँगी |

इसी बीच सुमा ने सारी कहानी अभी को बता दी |

अभी ने इंडिगो एयरलाइनस में सुमा की शिकयत दर्ज करा दी और उनको बहुत भला बुरा कहा और बैग खोज कर देने को बोला |

नागपुर वाले यात्री ने सुमा की काफी सहायता की उसने इंडिगो के कस्टमर केयर से संपर्क किया और बैग का स्टेटस जानने का प्रयत्न किया ,पता चला बैग दिल्ली नहीं पंहुचा है | अब उसने सुमा को नागपुर जाने की सलाह दी |नागपुर पहुँच कर ही बैग का पता किया जा सकता था |

सुमा ने निश्चय किया कि वो अपने बैग का पता लगाने के लिए नागपुर जाएगी |

अब तो सुमा खान के बैग के चर्चे दिल्ली,नागपुर और बेंगलुरु के एअरपोर्ट पर जोरों पर थे |

जैसे ही सुमा नागपुर में फ्लाइट से उतरी …

इंडिगो के एग्जीक्यूटिव ने पूछा :-आप ही सुमा खान हो ?

सुमा :- हाँ !!क्यों??

एग्जीक्यूटिव:-Mam, आपके बैग का पता लगाया जा रहा है वो नागपुर नहीं पहुँचा है ,आपका बैग अभी भी बेंगलुरु में ही है |आप प्लीज थोड़ा इंतजार कीजिये हम आपका बैग बेंगलुरु से यहाँ माँगा रहे है अगली फ्लाइट से |

सुमा के गुस्से का कोई ठिकाना नहीं था पर वो सिवाए इंतजार के कुछ कर नहीं सकती थी |

२ घंटे बाद सुमा का बैग नागपुर पहुँचा |अपना बैग देखकर सुमा ने एक ठण्डी साँस ली और रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ चली|

विडम्बना तो देखो बेचारी ने एक दिन का समय बचाने के लिए फ्लाइट से जाने का सोचा था ,२ दिन हो गए थे और अभी भी सुमा नागपुर में ही थी|

इतना थक चुकी थी कि जैसे तैसे वो रेलवे स्टेशन पहुँची और वहाँ से ट्रेन पकड़कर अगले दिन विदिशा पहुँची |१ दिन की यात्रा उसने ३ दिन में पूरी की |२-३ गुना धन व्यय किया था उसने फिर भी समय से ना पहुँच सकी |

अंततः वह घर पहुँच गई |उसने साहस और धैर्य दिखाया और अपने गंतव्य तक सामन सहित सुरक्षित पहुँची |

इस घटना का जिक्र करने का आशय हमारी बहनों ,माताओं और मित्रों को जाग्रत करना है क्योंकि इस प्रकार की घटना किसी के साथ भी घटित हो सकती है क्योंकि जब हम पहली बार कोई नया काम करने चलते हैं तो थोड़ा बहुत भय का आभास सभी को होता है |ऐसी स्थिति में सावधानी और धैर्य पूर्वक कार्य करें |

हवाई जहाज यानि फ्लाइट से सफ़र करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखें :-

  • मोबाइल को अपने हाथ में रखें और एयरलाइन्स के Updates देखते रहें जो आपके मोबाइल पर SMS या कॉल के जरिये आपको दिए जायेंगे |
  • एअरपोर्ट २ घंटे पहले पहुँच जाएँ |
  • Check- in करते समय बोर्डिंग पास बनवायें और साथ ही luggage बैग और पर्स और जो भी सामान आपके साथ है उसमे टैग अवश्य लगवाएं |
  • luggage bags जमा कर दें और पर्स और जरुरी सामान हाथ में पकडे रहें |
  • आपके गंतव्य (destination) तक जाने वाले लोगों से संपर्क बनाये रखें |इससे आपको साथ भी मिल जायेगा और भय भी कम लगेगा |
  • कोई भी समस्या होने पर एयरलाइनस कंपनी जिसकी आपने टिकट ली है उससे तुरंत संपर्क करें |
  • कोई भी ज्वलनशील पदार्थ और नुकीली धातु लेकर सफ़र ना करें |
  • एक व्यक्ति luggage bags में १५ किलो वजन ले जा सकता है उससे अधिक होने पर ३०० रूपये प्रति किलो अधिक देना होता है घरेलू (Domestic) फ्लाइट्स में और ५२५ रूपये प्रति किलो अधिक देना होता है अन्तेर्राष्ट्रीय (International ) फ्लाइट्स में |
  • Urgent टिकट लेते समय उस फ्लाइट की पूरी डिटेल्स अवश्य ले लें |

“आपकी यात्रा हमेशा सफल और सुखद हो !”

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Author: narijagaranblog

Madhvi Ankit Sachan Software Engineer

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